मोटर व्हीकल एक्ट, 1988 के अनुसार, भारतीय सड़कों पर चलने वाले सभी वाहनों के लिए एक व्हीकल इंश्योरेंस पॉलिसी लेना अनिवार्य है। सेक्शन 130 आर / डब्ल्यू 177 व्हीकल एक्ट के तहत, वैध व्हीकल इंश्योरेंस पॉलिसी के बिना गाड़ी चलाने वाले व्यक्ति को रु 1000 का ज़ुर्माना तीन महीने की कैद के साथ या कैद के बिना भरना होगा। पहले, कई गाड़ी मालिक प्रीमियम बचाने के उद्देश्य से इस व्हीकल इंश्योरेंस से बचते थे।
भारत में एक थर्ड पार्टी व्हीकल इंश्योरेंस अनिवार्य है। इस नियम के अनुसार, थर्ड पार्टी व्हीकल इंश्योरेंस किसी भी थर्ड पार्टी के व्यक्ति की मृत्यु / संपत्ति के नुकसान को कवर करेगा क्योंकि उसका नुकसान इंश्योरेंस वाली गाड़ी से हुआ है।
हालाँकि, व्हीकल एक्ट में कुछ नए संशोधन किए गए हैं और जुर्माना भरने के नियमों में बदलाव किया गया है। पहले, गाड़ी सवार दंड का भुगतान करते थे क्योंकि उसके लिए उन पर एक भारी जुर्माना नहीं लगाया जाता था और वो व्हीकल इंश्योरेंस पॉलिसी को लेने से नज़रंदाज़ करते थे। लेकिन नए मोटर व्हीकल एक्ट की सज़ा एवं जुर्माने की रकम में बदलाव ने गाड़ी मालिकों और चालकों को इस बारे में फिर से सोचने के लिए विवश कर दिया है।
मोटर व्हीकल एक्ट में बदलाव
मोटर व्हीकल एक्ट में किए गए संशोधनों के कारण, ट्रैफिक नियम काफी सख्त हो गए हैं और गाड़ी चालकों द्वारा ट्रैफिक नियमों को तोड़ने पर भारी जुर्माना लगाया जाएगा।
- यदि गाड़ी चालक वैध मोटर व्हीकल इंश्योरेंस के बिना गाड़ी चलाते हुए पकड़ा जाता है, तो अपराध के लिए पहली बार जुर्माने का भुगतान रु 2000 के साथ 3 महीने तक का कारावास या बिना कारावास का जुर्माना लग सकता। दूसरी बार किए गए अपराध के मामले में, जुर्माने की राशि रु 4000 और / या 3 महीने तक कारावास का प्रावधान है।
- यदि कोई गाड़ी चालक बिना लाइसेंस के गाड़ी चलाते हुए पकड़ा जाता है, तो ऐसे ,मामले में उस पर रु 5000 का जुर्माना लगाया जाएगा।
- वैध लाइसेंस के बिना अनधिकृत वाहनों को चलाने वाले ड्राइवरों के लिए, भुगतान किया जाने वाला जुर्माना रु 5000 से रु 1000 तक तय किया गया है।
- यदि गाड़ी का चालक शराब या अन्य नशीले चीजों का सेवन कर गाड़ी चला रहा है, तो पहली बार अपराध के दंड के रूप में उसे रु 10000, एवं 6 महीने तक कैद या बिना कैद के 10,000 का जुर्माना लगाया जाएगा। दूसरी बार किए गए अपराध के लिए, भुगतान किया जाने वाला जुर्माना रु 15,000 के साथ 6 महीने की जेल या बिना जेल के 15000 का दंड लगाया जाएगा।
- ट्रैफिक नियमों को तोड़ने पर लगाया जाए वाला दंड रुपये रु 500 से रु1000 के बीच है।
उपर बताए गए बदलावों के अलावा, ट्रैफ़िक नियमों के कई अन्य पहलू हैं, जिनका उल्लंघन करने पर अब कड़ाई से निपटा जाएगा।
ट्रैफिक नियम के पालन में वृद्धि
नए ट्रैफिक नियम और भारी जुर्माना निश्चित रूप से अब ट्रैफिक नियमों के प्रति आम लोगों के नज़रिए को बदल देगा। नए ट्रैफिक नियमों के अनुसार, अगर कोई गाड़ी चालक पहली बार अपराध करता है, तो पहली बार अपराध करने पर चालक को 6 महीने से लेकर 1 साल तक की जेल की सजा भुगतनी होगी। साथ ही रु या इसके बिना रु 1000 से रु 5000. तक का जुर्माना देना होगा। जबकि दूसरी बार अपराध करने पर, ड्राइवर को 2 साल की कैद और / या रु 10,000 का जुर्माना देना होगा। ।
ये ट्रैफिक नियम काफी सख्त हैं और जुर्माने की राशि भी अधिक है। इसके अलावा, आईआरडीएआई (इंश्योरेंस रेगुलेटरी एंड डेवलपमेंट अथॉरिटी ऑफ इंडिया) को मोटर व्हीकल इंश्योरेंस प्रीमियम को ट्रैफिक नियम के उल्लंघन से जोड़ने की योजना बना रहा है। तो, इस कारण, ट्रैफिक नियमों का पालन और व्हीकल इंश्योरेंस की मांग बढ़ रही है।
मोटर व्हीकल इंश्योरेंस के लाभ:
- भारत में एक थर्ड पार्टी लायबिलिटी कवरेज व्हीकल इंश्योरेंस अनिवार्य आवश्यकता है। ये किसी दुर्घटना के दौरान थर्ड पार्टी के व्यक्ति या गाड़ी को किसी भी नुकसान के मामले में फाईनेंशियल कवरेज प्रदान करने में मदद करेगा।
- रोड एक्सीडेंट जैसी दुर्घटनाओं के मामले में, व्हीकल इंश्योरेंस एक्सीडेंट के कारण गाड़ी की मरम्मत के ख़र्चों को कवर करेगा।
- मोटर व्हीकल इंश्योरेंस किसी भी प्राकृतिक आपदा जैसे बाढ़, भूकंप, तूफान, आदि के कारण गाड़ी को होने वाले नुकसान को कवर करेगा।
- मानव निर्मित आपदाओं जैसे दंगे, चोरी आदि के कारण गाड़ी को होने वाले नुकसान मोटर व्हीकल इंश्योरेंस के तहत कवर किए जाते हैं।
- मोटर व्हीकल इंश्योरेंस के द्वारा, दुर्घटना में शामिल खर्चों से संबंधित कोई चिंता नहीं होगी।
मोटर व्हीकल इंश्योरेंस पॉलिसी की मांग में इज़ाफा
मोटर व्हीकल एक्ट में नया संशोधन 1 सितंबर 2019 से लागू हुआ। तब से, व्हीकल इंश्योरेंस पॉलिसियों की खरीद और रिनुअल में बढ़ोतरी हुई है। अधिक से अधिक गाड़ी मालिकों ने अपनी लेप्स हो चुके व्हीकल इंश्योरेंस पॉलिसी का रिनुअल करवाना शुरू कर दिया है। नई मोटर व्हीकल इंश्योरेंस पॉलिसी की खरीद में भी पिछले महीने में भारी वृद्धि देखी गई है। भारत में लोगों ने धीरे-धीरे इस सच को स्वीकार करना शुरू कर दिया है कि मोटर व्हीकल इंश्योरेंस खरीदना कानून के गिरफ्त में आने बचना बेहतर है जो कि उन्हें नए ट्रैफिक नियम का पालन न करने पर कड़ी कार्रवाई के जाल में फंसा सकते हैं।
मोटर व्हीकल एक्ट में किए गए इन नए संशोधनों के साथ, मोटर व्हीकल इंश्योरेंस सेगमेंट में भारी बढ़ोतरी की उम्मीद है। इंश्योरेंस ऐडवाइज़रों के लिए ये एक सुनहरा मौका होगा क्योंकि इससे उनके व्यापार के अवसरों में बढ़ोतरी हुई है और वे अधिक से अधिक मोटर व्हीकल इंश्योरेंस पॉलिसी बेच सकते हैं। गाड़ी मालिकों और ड्राइवरों ने अब मोटर व्हीकल इंश्योरेंस के बारे में दोबारा से सोचना शुरू कर दिया है और इसके चलते मोटर व्हीकल इंश्योरेंस पॉलिसियों की मांग बढ़ गई है।
इसलिए, ट्रैफिक नियमों में आए इन बदलावों ने मोटर व्हीकल इंश्योरेंस पॉलिसियों की बिक्री में वृद्धि और ट्रैफिक नियम के पालन के प्रति आम लोगों के नज़रिए में बदलाव किया है।