जैसा की सबको ज्ञात है, मोटर वाहन का बीमा कराना, भारत और बाकी सभी देशों मे क़ानूनी तौर पे ज़रूरी है| लोग ज़्यादातर एक ऐसी मोटर बीमा पालिसी का चयन करते हैं जो उनको खुद के नुकसान और थर्ड पार्टी को हुए नुकसान के लिए कवर प्रदान करती है| मोटर बीमा का प्रीमियम भी हर साल बढ़ता जा रहा है| इसलिए लोगों को एक ऐसा मोटर बीमा चुनने मे कठिनाई का सामना करना पड़ रहा है, जो की उनके बजट के अनुकूल हो| यदि आप अपने ग्राहकों की मोटर बीमा पालिसी का प्रीमियम कम करने मे मदद करना चाहते हैं, तो नीचे लिखे सूचक मददगार साबित हो सकते हैं–
- छोटे क्लेम से बचें
इस बात को पक्का कर लें कि आपके ग्राहक को ये बात पता हो की ज़्यादातर मोटर पालिसियों में हर क्लेम–रहित साल के लिए उनका एक सालाना बोनस इकट्ठा होता जाता है| इसलिए छोटी मोटी टूट–फूट के लिए क्लेम करने से बचें| इसमे एक दिलचस्प बात ये है की यदि लगातार 5 साल ग्राहक कोई क्लेम नही करता है तो आप अपने ग्राहकों के प्रीमियम में आधे तक की रियायत करवा सकते हैं| लोग वाहन मे हुई छोटी टूट –फूट के लिए दावे करके, अगले वर्ष मे मिलने वाले क्लेम बोनस को गवाँ देते हैं| ग्राहकों को ये बात समझाने वाली है, कि वाहन मे आ रहे छोटे खर्चों को अपनी जेब से भर दें और भविष्य मे क्लेम बोनस का लाभ उठायें|
- बीमित घोषित मूल्य (Insured Declared Value) की सही सूचना दें
बीमा घोषित मूल्य (IDV) वाहन का कुल मूल्य है जो मोटर बीमा कंपनी द्वारा निर्धारित किया गया है| चोरी या पूरा नुकसान हो जाने पर “बीमा घोषित मूल्य” (IDV) वह राशि होगी जो पालिसीधारक को बीमा कंपनी मुआवज़े के तौर पे अदा करेगी| IDV वह अधिकतम राशि है जो आपके क्लाइंट को बीमा कंपनी देगी| आप ना सिर्फ़ उनको सही IDV बताइए, बल्कि ये भी बताइए की उसका आंकलन वाहन के बाज़ार के मूल्य मे से मूल्यह्रास (depreciation) को घटा कर किया जाता है| मोटर बीमा पालिसी की खरीद में, ग्राहक के लिए IDV एक निर्णायक बिंदु होता है| यदि आप अपने क्लाइंट को IDV का सही आंकलन करने मे मदद करते हैं तो प्रीमियम कम हो सकता है|
- नो क्लेम बोनस ट्रान्स्फर
ऐसे बहुत लोग हैं जिन्हे ये नही ज्ञात की वे अपनी पिछली गाड़ी के बीमा का नो–क्लेम बोनस नयी गाड़ी के बीमा पर ट्रान्स्फर कर सकते हैं| एक एजेंट के तौर पे ये आपकी ज़िम्मेदारी है की आप अपने भविष्य के ग्राहकों को इसके बारे मे सूचित करें| उन्हे बतायें की गाड़ी बेचने के बाद भी गाड़ी का बीमा अपने पास सुरक्षित रखें| यहाँ बताए हुए तरीके के माध्यम से आप गाड़ी के नो–क्लेम बोनस के लाभ को भविष्य मे कम प्रीमियम अदा करके उठा सकते हैं| ऐसा हो सकता है की गाड़ी बेचने के तुरंत बाद ग्राहक कोई नयी गाड़ी की खरीद ना करे| इस मामले मे उनकी नज़र मे ये बात होनी आवश्यक है की वे जब भी एक नयी गाड़ी लेते हैं, तो पिछली गाड़ी के नो–क्लेम बोनस का आसानी से लाभ उठा सकते हैं|
- ज़्यादा डिडक्टिबल वाली पालिसी को तवज्जो दें
मोटर बीमा एजेंट के तौर पे, आपका ये पता होना ज़रूरी है की डिडक्टिबल वो रक़म होती है जो क्लेम के लागू होने के ठीक पूर्व ग्राहक अपनी जेब से अदा करता है| आप ग्राहकों को ये सूचित कर सकते हैं की मोटर बीमा में मुख्यतः दो प्रकार के डिडक्टिबल होते हैं– अनिवार्य डिडक्टिबल (Compulsary Deductible) एवं स्वैच्छिक डिडक्टिबल (Voluntary Deductible)| ये बात नोट करने वाली है की स्वैच्छिक डिडक्टिबल का चयन आपके बीमा पालिसी के प्रीमियम को काफ़ी हद तक घटा देता है| उदाहरण के तौर पे यदि आप स्वैच्छिक डिडक्टिबल की राशि Rs 2500 चुनते हैं, और अनिवार्य डिडक्टिबल की राशि Rs 500 तो आप प्रीमियम की रकम मे लगभग 20% छूट के हक़दार हो जाते हैं| लेकिन दुर्घटना के मामले मे आपको दोनो डिडक्टिबल अदा करने होंगे, स्वैच्छिक डिडक्टिबल भी और अनिवार्य डिडक्टिबल भी, यानी की कुल Rs 3000 की राशि|
- पालिसी को लैप्स (ख़तम) ना होने दें
ये बात मालूम होनी चाहिए की अगर पालिसी का प्रीमियम सही वक़्त पर अदा ना किया जाए, तो ज़्यादातर मामलों मे पालिसी को दोबारा से शुरू करना पड़ता है| ये बात भी स्पष्ट है कि वाहन का निरीक्षण भी दोबारा से होगा| मोटर वाहन के प्रीमियम की गणना भी दोबारा से होगी| पालिसी के लैप्स होने पर ज़्यादा धन व्यय करना पड़ेगा | और तो और एक पालिसीधारक के तौर पर आप अपना संचित बोनस नही खोना चाहेंगे| संक्षेप मे कष्टप्रद स्थितियों से बचने के लिए और ज़्यादा पैसा खर्च करने से बचें के लिए, समय पर मोटर बीमा पालिसी का रिन्यूयल आवश्यक है|
उपर अंकित बिंदुओं के अलावा, ग्राहकों को ये सूचित करना भी ज़रूरी है की एक लॅप्स्ड पालिसी उनको नो–क्लेम बोनस के लाभ से वंचित कर देती है| इसके साथ ही उनको एक अछा क्रेडिट स्कोर बनाए रखने की हिदायत दे दें| यदि ग्राहक की क्रेडिट हिस्टरी मज़बूत है तो आप उन्हे बीमा के खर्चों मे एक अच्छी छूट दिला सकते हैं| ज़्यादातर मोटर बीमा कंपनियाँ, क्रेडिट हिस्टरी की जानकारी का इस्तेमाल पालिसी के मूल्य निर्धारण मे करती हैं| एक व्यक्ति विशेष अपने वित्त का सही तरीके से संचालन कर पा रहा है, तो इसका फायेदा उसे कम प्रीमियम अदा करके मिलेगा| कुछ कंपनियाँ, लो–माइलेज डिसकाउंट (कम गाड़ी चलाने पे मिलने वाला लाभ) उन वाहन चालकों को देती हैं जो साल भर मे एक निर्धारित दूरी की सीमा से कम गाड़ी चलाते हैं; एक एजेंट को इस बात का भी पता होना चाहिए|