एक वित्तीय सलाहकार के तौर पर आपके लिए ये बहुत ज़रूरी है कि, आप अपने ग्राहकों का भरोसा जीतें और ऐसा करने का एक सबसे अच्छा तरीका ये है कि आप उन्हें पैसे कमाने और अच्छे रिटर्न्स से जुड़े सही तरीके सुझाए। आपके ग्राहकों के लिए निवेश का ऐसा ही एक बढ़िया तरीका है सोने में निवेश करना। इसकी लगातार बढ़ती कीमतों और इसके पारंपरिक इस्तेमाल की वजह से, ये निवेश के सबसे अधिक मांग वाले विकल्पों में से एक बना हुआ है।
गोल्ड में इनवेस्टमेंट्स का रिवाज और उसकी लोकप्रियता
अक्सर जब भी रिजर्व करेंसी या शेयर बाज़ार में गिरावट होती है, तो सोने की कीमटन में काफी तेज़ी देखी जाती है। इसका कारण ये है कि गोल्ड को आमतौर पर एक सुरक्षित निवेश के रूप में जाना जाता है। क्योंकि, सोना हर आर्थिक उतार-चढ़ाव के बावजूद अपने भाव को स्थिर रखने में कामयाब रहा है, जिस कारण ये निवेश का एक लोकप्रिय विकल्प बन गया है।
भारतीय शादियों में परंपरा के अनुसार काफी बड़ी मात्रा में सोना उपहार में दिया जाता है या ख़रीदा जाता है। हालाँकि ऐसा होना केवल शादी ब्याह तक ही सीमित नहीं है; भारत में ऐसे कई त्योहार भी हैं जिस दौरान सोने की ख़रीद में वृद्धि देखी जाती है। जाने-अनजाने ही सही, सोना हमारी परंपराओं के ज़रिये हमारे फ़ाइनेंशियल पोर्टफोलियो का एक हिस्सा रहा है। ऐसे में, आप अपने ग्राहकों को निवेश के किसी और विकल्प के बारे में सोचने से पहले ही सोने के आभूषणों की ख़रीददारी के लिए सलाह दे सकते हैं।
सोने में निवेश का ऐतिहासिक लाभ
आप अपने ग्राहकों को कई कारणों से लंबे समय के लिए गोल्ड में इन्वेस्टमेंट करने की सलाह दे सकते हैं। इसके सबसे महत्वपूर्ण कारणों में से एक है इसका शानदार रिटर्न। आंकड़ों को देखें तो साल 2010 से आज सोने की कीमतें लगभग दोगुनी हो गई हैं, ये समय एक दशक से थोड़ा कम है। यदि किसी ग्राहक ने 2010 में रु 5 लाख का निवेश किया था, तो वर्तमान समय में उसकी वेल्यू के हिसाब आज उसके निवेश का मूल्य रु 10 लाख के करीब होगा। 15 साल के लिए सोने में निवेश, सेंसेक्स के बराबर रिटर्न देने के लिए जाना जाता था। जबकि इस अवधि में सेंसेक्स ने 13.97% का रिटर्न ही दिया है, और सोने ने लगभग 13.66% का रिटर्न दिया था।
आमतौर पर सोने का दाम बढ़ता रहता है
लगातार सोने की कीमत में होने वाली बढ़ोतरी के पीछे कई कारण काम करते हैं। भारत दुनिया के कुल सोने का लगभग एक चौथाई हिस्से का उपभोग करता है। दुनियाभर में उभरती हुई अर्थव्यवस्थाओं के पास बहुत अधिक धन होता है और इससे सोने की मांग बढ़ जाती है। आमतौर पर सोना सेंट्रल बैंकों की तिजोरी से आता है। ऐसे में तिजोरी से सोना के बाज़ार में आने में रुकावटों और इसकी सुस्त चाल का मतलब सोने की मांग का बढ़ना होता है। 5 से 10 साल के लिए निवेश के नज़रिये से, यदि आप सोने की ऐतिहासिक कीमतों पर गौर करते हैं तो, सोने की कीमत बहुत ज़्यादा बढ़ जाती है।
निवेश का सुरक्षित विकल्प
अर्थव्यवस्था में यदि किसी प्रकार की मंदी है, तो हर कोई गिरावट के समय निवेश के तौर पर ऐसे विकल्प का चुनाव करता है जो ऐसी स्थितियों में एक निवेश के तौर पर सबसे तेज़ी से कवर कर सके, सोना एक ऐसा ही विश्वसनीय विकल्प है। जब आप बढती महँगाई के बारे में सोचते हैं, तो सोना एक बढ़िया हेजिंग टूल के रूप में काम करता है। साथ ही डिफ्लेशनयानी (घटती महँगाई) के समय लोगों की सोने को खरीदने की ताकत (बाइंग कैपेसिटी) इस प्रकार बढ़ जाती है, जिससे कि ये एक सदाबहार निवेश का साधन बन जाता है। यहाँ तक कि राजनीतिक मुद्दों के कारण होने वाली किसी भी आर्थिक अनिश्चितता (इकोनोमिकल अन्सर्टन्टी) के दौरान भी, सोने में निवेश की मांग एक इन्वेस्टमेंट आप्शन के तौर पर सबसे ज़्यादा होती है।
सोने का निवेश
एक जानकार फ़ाइनेंशियल एडवाईज़र के तौर पर, आप अपने ग्राहकों को ऊपर बताए गये कारणों से और ज़्यादा सोना में निवेश करने की सलाह दे सकते हैं। सोने को जमा करते रहने से वे एक समय के बाद संपत्ति निर्माण कर सकेंगे, जिसे आप अपनी आने वाली पीढ़ियों के लिए भी विरासत छोड़ पाएंगे। आप उन्हें अलग-अलग तरीके सुझा सकते हैं जिनके ज़रिये आपके ग्राहक सोने में निवेश कर सकते हैं। यदि वे चाहें तो सोने के सिक्के, सोने की छड़ें, आभूषण आदि ख़रीद सकते हैं।