इंश्योरेंस पॉलिसी खरीदते समय, ग्राहक अक्सर कवरेज और पॉलिसियों के प्रीमियम को देखते हैं और अपनी पसंद बनाते हैं। वे आपकी सलाह पर भी विचार करते हैं, क्योंकि आप उनके इंश्योरेंस एडवाइज़र, इंश्योरेंस संबंधी शर्तो के विषय में बहुत शिक्षित होते हैं। हालांकि, इंश्योरेंस कंपनी से संबंधित विभिन्न रेशियो हैं जिन्हें बहुत ज़्यादा तकनीकी होने के कारण याद नहीं रखा जाता है। ये रेशियो इंश्योरेंस कंपनी की फाईनेंशियल स्टेब्लिटी और विश्वसनीयता को बताते हैं और इसलिए इन्हें भूलना नहीं चाहिए। तो, यहाँ कुछ महत्वपूर्ण इंश्योरेंस रेशियो दिए गए हैं, जिन्हें आपको जानना चाहिए ताकि आप अपने ग्राहकों को उनके बारे में भी शिक्षित कर सकें –
- क्लेम सेटेलमेंट रेशियो
यह शायद सबसे लोकप्रिय रेशियो है जो आजकल कई लोगों द्वारा माना जाता है। रेशियो कंपनी पर किये गए टोटल क्लेम्स की तुलना में, इंश्योरेंस कंपनी द्वारा सेटेल किये गए क्लेम्स को मापता है। यह रेशियो बताता है कि इंश्योरेंस कंपनी अपने पर किए गए क्लेम्स को निपटाने में कितनी सक्षम है। ग्राहक के लिए यह रेशियो जितना अधिक होगा उतना ही अच्छा होगा क्योंकि ये बताता है कि ग्राहक कंपनी पर अपने क्लेम्स को सेटेल करने का भरोसा कर सकता है।
- परसिस्टेंसी रेशियो
इंश्योरेंस कंपनी द्वारा जारी कुल पॉलिसियों को एक्टिव पॉलिसियों की संख्या से विभाजित करके परसिस्टेंसी रेशियो की गणना की जाती है। परसिस्टेंसी रेशियो इस मायने में महत्वपूर्ण है कि ये बतलाता है कि पॉलिसी होल्डर उस पॉलिसी से कितने संतुष्ट हैं जो उनके पास है। यदि पॉलिसी होल्डर संतुष्ट है, तो वह पॉलिसी जारी रखेगा जिससे रेशियो बढ़ेगा। रेशियो दिखाता है कि कंपनी कितने ग्राहकों को साल दर साल बरकरार रख सकती है। इसके अलावा, यदि रेशियो अधिक है, तो यह बतलात है कि ग्राहक को सही पॉलिसी बेची गई है, ग्राहक इंश्योरेंस कंपनी पर और आप ‘पॉलिसी बेचने वालों पर’ भरोसा करता यदि आप पॉलिसी बेचने के बाद भी ग्राहक के साथ संपर्क बनाए रखते हैं तो। हाई परसिस्टेंसी भी इंश्योरेंस कंपनी के रिवेन्यू को बढ़ाती है जिससे कंपनी का लाभ सुनिश्चित होती है।
- सॉल्वेंसी रेशियो
यह रेशियो इंश्योरेंस कंपनी की फाईनेंशियल कंडीशन का एक पैमाना है। रेशियो की गणना अवेलेबल सॉल्वेंसी मार्जिन (एएसएम) के रिक्वायर्ड सॉल्वेंसी मार्जिन (आरएसएम) के रूप में की जाती है। एएसएम देनदारियों से अधिक कंपनी की संपत्ति का प्रतिनिधित्व करता है जबकि आरएसएम की नेट प्रॉफिट प्रीमियम पर की जाती है। इंश्योरेंस डेवलपमेंट एंड रेगुलेटरी अथॉरिटी (IRDA) का कहना है कि इंश्योरेंस कंपनियों के पास अचानक क्लेम्स को पूरा करने के लिए कम से कम 150% का सॉल्वेंसी रेशियो होना चाहिए, जो कि इमरजेंसी स्थिति में उत्पन्न हो सकता है। सॉल्वेंसी रेशियो जितना अधिक होगा, क्लेम्स का भुगतान करने के लिए इंश्योरेंस कंपनी की फाईनेंशियल स्थिति उतनी ही बेहतर होगी।
- क्लेम किया गया रेशियो
अनुमानित क्लेम रेशियो एक फाईनेंशियल वर्ष में इकट्ठा किए गए प्रीमियम के मुकाबले इंश्योरेंस कंपनी द्वारा भुगतान किए गए क्लेम्स को मापता है। रेशियो कंपनी के लाभ और उसके क्लेम्स इवेंट के बारे में बताता है। एक हाई रेशियो, यानी एक ऐसा रेशियो जो 100% से अधिक है, खराब माना जाता है क्योंकि यह दर्शाता है कि कंपनी इकट्ठा किये प्रीमियम के मुकाबले ज़्यादा क्लेम्स का भुगतान कर रही है और इसलिए, नुकसान झेल रही है। दूसरी ओर, एक कम रेशियो भी खराब है क्योंकि यह दर्शाता है कि कंपनी बड़ा लाभ कमा रही है और हाई प्रीमियम ले रही है। आदर्श रेशियो 70% से 90% है जो न तो बहुत अधिक लाभ और न ही हानि तय करता है।
- कमीशन एक्स्पेंसेस रेशियो
यह रेशियो इंश्योरेंस कंपनी द्वारा भुगतान किए गए नेट प्रीमियम के मुकाबले कमीशन का भुगतान करता है। इंश्योरेंस कंपनी का रेशियो जितना अधिक होता है, कमीशन उतना अधिक होता है, जो कंपनी अपने एजेंट्स को देती है। यह कंपनी के लिए अच्छा है क्योंकि यह लंबे समय में उनके व्यवसाय को बढ़ावा देता है। हालांकि, ग्राहकों के लिए, एक हाई रेशियो खराब होगा क्योंकि इसके परिणामस्वरूप डीयू प्रीमियम में बढ़ोतरी होगी। तो, लो कमीशन एक्स्पेंसेस रेशियो वाली कंपनी एक बेहतर विकल्प होगी।
ये पांच मुख्य रेशियो हैं जिन पर ग्राहकों को अपनी इंश्योरेंस सर्विस देने वाली कंपनी का चयन करते समय विचार करना चाहिए। रेशियो लोगों को यह समझने में मदद करेगा कि कौन सी इंश्योरेंस कंपनी की बिक्री के बाद की बताई गयी सेवा, प्रीमियम का शुल्क और क्लेम सेटेलमेंट की संभावना के मामले में बेहतर होंगे। तो, इन अनुपातों को समझें और अपने ग्राहकों को भी समझाएं ताकि वे अपनी इंश्योरेंस जरूरतों के लिए सबसे बढ़िया इंश्योरेंस कंपनी का चयन कर सकें।