आर्थिक जरूरतें अनकहे ही बढ़ सकती हैं ऐसे में जब लोगों के पास ज़रूरत के मुताबिक बचत नहीं होती है, तो वे लोन लेने की कोशिश करते हैं। लोन लोगों को उनकी आर्थिक ज़रूरतों को पूरा करने के लिए आर्थिक सहायता उपलब्ध करते हैं। लोगों की आर्थिक आवश्यकता के हिसाब से बाजार में अलग–अलग तरह के लोन प्लान मौजूद हैं। ऐसे में अगर आपके ग्राहक भी लोन लेने की कोशिश कर रहें हैं, तो उन्हें लोन लेने से जुड़ी कुछ ज़रूरी बातें, लोन लेने से पहले जान लेनी चाहिए। तो, चलिए उन ज़रूरी बातों को और उनसे जुड़े फायदे और नुकसान के बारे जानते हैं।
लोन क्या होते हैं?
लोन एक ऐसी राशि है जो एक व्यक्ति या संस्था किसी दूसरे व्यक्ति या संस्था को उधार देता है। इस काम में आमतौर पर लोन देने वाला व्यक्ति या संस्था, रूपये उधार देने का जोखिम लेते हैं और इस जोखिम के रूप में वो लोन लेने वाले से कुछ राशि ब्याज के रूप में वसूलते हैं। साधारणता लोन एक निश्चित समय सीमा के लिए दिया जाता है। हालाँकि, कुछ लोन्स की कोई निश्चित समय सीमा नहीं होती है और उन्हें किसी भी समय वापस किया जा सकता है। लोन की वापसी ईएमआई (इजी मंथली इंस्टालमेंट) के रूप में की जाती है जिसमें भुगतान किये जाने वाली इंस्टालमेंट में लोन की मूल राशि और उसके ब्याज की राशि जुड़ी होती है। लोन देने वाला कोई एक बैंक, फाइनेंशियल इन्स्टिटूशन, कोईप्राइवेट लोन लेंडर या फिर कोई मित्र या परिवार को कोई अन्य सदस्य भी हो सकता है।
लोन के प्रकार
मुख्य रूप से लोन को दो केटेगरी, सुरक्षित और असुरक्षित ऋण (सिक्योर्ड और अनसिक्योर्ड) में बाँटा गया है। इन श्रेणियों में सभी केटेगरी की, कई उपश्रेणियाँ (सब केटेगरी) होती हैं जिनके बारे में हम सभी बहुत पहले से जानते हैं।
1) सिक्योर्ड लोन
कोई भी लोन जिसके लिए लोन की राशि के बराबर की किसी संपत्ति को लोन देने वाले के पास गिरवी रखा जाता है, उसे सिक्योर्ड लोन कहते हैं। आसान भाषा में, एक सिक्योर्ड लोन में फाइनेंशियल इन्स्टिटूशन लोन देने के बदले में, अपने ग्राहकों की कुछ संपत्तियों जैसे कि (घर, संपत्ति, सोना, आदि) को अपने पास जमानत के तौर पर रख लेती हैं। इसमें लोन की रकम को पूरी तरह से वापस नहीं करने पर लोन देने वाला व्यक्ति या संस्था जमानत के तौर पर रखी गई संपत्तियों पर क़ानूनी रूप से अपना अधिकार घोषित कर देता है। क्या किसी व्यक्ति द्वारा लोन की रकम को न चुकाने पर, फाइनेंशियल इन्स्टिटूशन उसकी संपत्ति पर कब्जा कर लेंगे और लोन की राशि की वसूली के लिए उस संपत्ति को बेचना पड़ सकता है। इसे सिक्योर्ड लोन के कुछ साधारण उदाहरणों से समझें:
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- कार लोन
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जैसा कि इसके नाम से पता चलता है कि, आपके ग्राहक उनकी पसंद की कार खरीदने के लिए कार लोन ले सकते हैं। ये एक ऐसा लोन है जिसे आपके ग्राहक बहुत ही कम कागज़ी कार्यवाही और कम समय में आसानी से प्राप्त कर सकते हैं। आपके ग्राहकों को इस लोन को चुकाने के विकल्पों के रूप में ईएमआई यानी इजी मंथली इंस्टालमेंट या इक्वैट मंथली इंस्टालमेंट के द्वारा अपना लोन चुकाना होगा |
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- होम लोन
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होम लोन के द्वारा आपके ग्राहक अपने घर बनाने के सपने को पूरा कर सकते हैं। आमतौर पर होम लोन को चुकाने के लिए लोगों को बहुत अधिक समय लगभग 20 साल तक और कई मामलों में 30 साल तक भी मिलते हैं। ग्राहक इस लोन का इस्तेमाल न केवल नए घर खरीदने के लिए, बल्कि अपने घरों की मरम्मत के लिए, घर बनाने के लिए, मौजूदा घर का विस्तार करने आदि कामों के लिए कर सकते हैं।
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- बिजनेस लोन
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आप किसी भी ग्राहक को, जो अपने बिज़नेस को बढ़ाने के लिए या नया बिज़नेस शुरू करने के लिए पूंजी की तलाश कर रहे हैं, उन्हें बिज़नेस लोन की सलाह दें सकते हैं। हालांकि, यहाँ इस बात पर ध्यान देना चाहिए कि नए बिज़नेस को शुरू करने के लिए लोन मिलना थोड़ा मुश्किल होता है।
2) अनसिक्योर्ड लोन
कोई भी लोन जिसके लिए किसी संपत्ति को ज़मानत के तौर पर लोन देने वाले के पास जमा करने की ज़रूरत नहीं होती है, उसे अनसिक्योर्ड लोन कहा जाता है। ऐसे लोन्स आमतौर पर फाइनेंशियल इन्स्टिटूशन के लिए जोखिम भरे होते हैं; इस प्रकार के लोन्स के भुगतान का समय बहुत कम होता है और इसपर लगने वाले ब्याज की दरें काफ़ी ज़्यादा होती है।
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- पर्सनल लोन
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इस लोन को कोई भी व्यक्ति बिना किसी लंबी चौड़ी कागज़ी कार्यवाही के, अपनी अलग-अलग ज़रूरतों के लिए एक पर्सनल लोन के रूप में ले सकते हैं। आप इस लोन को छुट्टियों पर जाने के लिए,होम थिएटर खरीदने के लिए ले सकते हैं।
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- कमर्शियल लोन
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फाइनेंशियल इन्स्टिटूशन, बिज़नेस ग्रुप के लिए कमर्शियल लोन उपलब्ध कराते हैं और इनका इस्तेमाल केवल अपने बिज़नेस संबंधी कार्यों के लिए किया जाना चाहिए। आमतौर पर, ऐसे लोन बैंक, एनबीएफसी या नॉन-बैंकिंग फाइनेंशियल कॉर्पोरेशन प्रदान करते हैं।
लोन प्लान, कैसे काम करते हैं?
इससे पहले कि आपके ग्राहक किसी फाइनेंशियल इन्स्टिटूशन से पैसा बतौर लोन ले रहे हैं, उन्हें इससे जुड़े कुछ नियम-शर्तों पर अपनी सहमत देनी होती है। इन शर्तों में लोन को वापस देने की हर महीने की तारीख, पूरा लोन भुगतान करने के लिए लगने वाला समय, मूल रकम पर जोड़े जाने वाली ब्याज दर, जमानत के तौर पर जमा की जाने वाली कोई संपत्ति (यदि ज़रूरत पड़े) वो शामिल हैं। जैसा कि जब कोई ग्राहक अपने लोन की ईएमआई चुकाता है, तो उसका एक हिस्सा ब्याज के रूप में, मूल राशि के साथ भुगतान की जाने वाली ईएमआई की कुल रकम में जुड़ा होता है।
लोन लेते समय याद रखने लायक ज़रूरी बातें
आप अपने ग्राहकों को लोन लेने से पहले थोड़ी रिसर्च करने का सुझाव दे सकते हैं, इससे वो सबसे बढ़िया या सस्ती ब्याज दर पर लोन देने वाले व्यक्ति या संस्था की तलाश कर सकते हैं, वे लोन वापसी संबंधी प्लान को चुन कर अपना लोन वापस कर सकते हैं जिसे लगातार बनाए रखना आसान है, साथ ही लिए गये लोन को उसके भुगतान के समय से पहले चुकाने की शर्तों को देखें और किसी एक्स्ट्रा चार्जेज संबंधी नियम को समझें।